राजस्थान-नागौर में चिकित्सा मंत्री गजेंद्र सिंह का एलान, ‘खींवसर में हारे तो सिर और मूंछें मुंडवा लूंगा’

नागौर.

राजस्थान की सात विधानसभा सीटों पर हो रहे उपचुनाव में खींवसर सीट सबसे दिलचस्प सीट मानी जा रही है। यहां पर चुनाव प्रचार के दौरान सभी पार्टियों के नेताओं की ओर से जमकर बयानबाजी देखी गई। चिकित्सा मंत्री बोले, जीतने की देता हूं गारंटी, यदि हार गए तो मूंछ और सिर मुंडवाकर चौक में खड़ा हो जाऊंगा।

बता दें कि सोमवार शाम राजस्थान की सात विधानसभा सीटों पर होने वाले उपचुनाव का प्रचार थम चुका है। भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशी के समर्थन में खींवसर में रेवंतराम डांगा के समर्थन में एक सभा आयोजित की गई थी। इस सभा में राजस्थान सरकार के चिकित्सा एवं कैबिनेट मंत्री गजेंद्र सिंह खींवसर ने एक बड़ा बयान दिया है। मंत्री गजेंद्र सिंह खींवसर ने कहा, मैं गारंटी दे रहा हूं कि हम यह सीट हार ही नहीं सकते, अगर हम चुनाव हार गए तो मैं अपनी मूंछ और बाल मुंडवाकर चौक में खड़ा हो जाऊंगा।

'यह चुनाव बीजेपी नहीं खींवसर की जनता लड़ रही'
इस दौरान भाजपा प्रत्याशी रेवतराम डांगा ने खींवसर कस्बे में हुई इस सभा में जनता को संबोधित करते हुए कहा कि यह टिकट जनता की टिकट है और इस चुनाव को पूरी जनता ही लड़ रही है। खींवसर की जनता का फैसला होगा, वह सिर्फ ऊपर होगा। आपको पता है खींवसर के लोगों के लिए यहां पर एक कार्यालय भी खोला जाएगा, जिसमें उस कार्यालय का नाम जनता कार्यालय होगा। जनता यहां पर आएगी और अपनी समस्या बताएगी और इस समय उसे समस्या का समाधान हो जाएगा। यह टिकट मेरा नहीं है, यह जनता का ही है और इस टिकट पर जनता चुनाव लड़ रही है। चुनाव प्रसार के अंतिम दिन भारतीय जनता पार्टी ने खींवसर सीट के इस उपचुनाव में अपनी पूरी ताकत झोंक दी। इस सभा में गजेंद्र सिंह खींवसर ने एक ऐसा बयान दिया, जिसे लेकर पूरा खींवसर इलाका हिल गया। उन्होंने कहा कि मेरे पास मुख्यमंत्री का फोन आया और उन्होंने कहा कि खींवसर सीट आपके भरोसे है और खींवसर में आप कमल का फूल खिलाएंगे। मेरा यह मानना है कि यदि यहां पर फूल नहीं खिला तो मेरे मंत्रालय पद पर संकट है। आप देखते हो सामने वाली पार्टियां चुनाव जीतने के बाद किस तरीके से अपमान करती हैं, हमें नीचा दिखाने के लिए। यह चुनाव रेवतराम डांगा नहीं, यह चुनाव भारतीय जनता पार्टी लड़ रही है।

खींवसर विधानसभा सीट का इतिहास
खींवसर विधानसभा सीट पर पूरे राजस्थान की निगाहें टिकी हुई हैं। वह इसलिए की राजस्थान की तीसरी पार्टी यानी राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी की राजधानी है, दूसरा यह भी कारण है कि इस सीट पर कांग्रेस और भाजपा दोनों ही पार्टियों ने बड़े-बड़े नेताओं को मैदान में उतार कर देख लिया, जबकि दोनों ही पार्टियों यहां पर सफल नहीं हो पाईं। जबकि साल 2008 से लेकर अब तक इस सीट पर हनुमान बेनीवाल लगातार चुनाव जीते आ रहे हैं। लेकिन 2023 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस पार्टी की दिग्गज नेता डॉक्टर ज्योति मिर्धा ने हनुमान बेनीवाल की फौज को संभालने और पूरी फौज का नेतृत्व करने वाले नेता को राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी से तोड़कर बीजेपी से टिकट दिलवाया और हनुमान बेनीवाल के सामने ही मैदान में उतरवा दिया। 2023 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस पार्टी तीसरे नंबर पर रह गई और हनुमान बेनीवाल को कड़ी टक्कर दी, उस समय हनुमान बेनीवाल मात्र 2059 वोटों से जीते थे।

India Edge News Desk

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